बहुत सी बातें फसबूक से जुड़ने के बाद मुज्मे जुडी है ...बहुत से मित्र मिले है उनसे बहुत सीखा है ...एकांत मैं अनजान लोगो से अपने से विपरीत लिंग के लोगो से बातें करते समय हम कैसे विषय पसंद करे ...सब्दावली क्या हो ...अनजान कभी जान का बनेगा ..कभी हमारे सोच को व्यवहारिक मैं देखना चाहेगा ..तब ?कितनी ही बातें है फ्गस बुक से जुड़ने पर कितने ही विषय है जिनको हम छूते है कभी , कभी गहन रूप से उसे जानने की प्रेरणा मिलती है .....मुझे बहुत ही मज़ा आया जो खाली समय मैं केवल बाहिर जाकर होटल मैं बैठकर मित्रों से केवल गप्पें मार कर खलास करता था अब यहाँ मेरा रचना कार्य भी होता है ..मैं रोज लिखता हूँ
जानता हूँ की रोज लिखने पर आपकी रचना मैं वह तेज वह आकर्षण शायद न हो मगर यहाँ आने के बाद मैने २५० के करीब कवितायेँ लिखी है जिनमे से आधी भी अगर ठीक निकल आये तो मेरा काम व्यर्थ नहीं गया ...इतनी तादाद मैं मैं कभी कवितायेँ नहीं लिख पाया ..न ही इतनी तादाद मैं-- मैं लोगो की प्रतिक्रियां नहीं जान पाया ..इसलिए मैं मानता हूँ की मेरे मित्रों ने मेरी बहुत होंसला अफजाई की है उनके कारन से मैं कुछ कर पा रहा हूँ .. २०१० के ख़तम होने के बाद २०११ के शुरू दिनों मैं मैं उन सभी मित्रों का शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने मेरी कवितायेँ पढ़ी.. उन्हें पसंद किया... अपनी बेशकीमती प्रतिक्रियां दी ...उनका भी जिन्होंने केवल पढ़ी .....मैं उन सबके कीमती समय का लेश मात्र भी शायद न चूका पाऊं ..मगर उनके प्रति क्रितिग्य होने के भाव से उनका अभिवादन तो मुझे करना ही चाहिए ...सभी को यथा योग्य अभिवादन ..स्नेह .....और आशा विश्वास की आपका स्नेह यू ही मुझे मिलते रहेगा .......
शनिवार, 8 जनवरी 2011
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bahut bahut badhai
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